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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 28

ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 28

                     कबीर का गुस्सा


अब तक आपने पढ़ा देवांश पटना छोड़ कर चला जाता है.....वहीं दूसरी तरफ ज्योति को इस मिशन से निकालने के लिए विक्रम सिंह कहते हैं...बहुत मनाने के बाद फैसला के एम करिअप्पा पर छोड़ देते हैं के एम करिअप्पा ज्योति को समझाते हैं लेकिन ज्योति नहीं मानती है अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए ज्योति ने अविनाश को बुलाया है वही कबीर ज्योति को 10 मिनट मे अपने ऑफिस आने के लिए कहता  है

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"अब आगे"

"दिल्ली"

ज्योति होटल मे खिड़की के पास खड़ी कुछ सोच रही थी तभी उसका फोन बजता है.. ज्योति जब फोन देखती है तो उसपर कबीर का नाम फ्लेश हो रहा था..ज्योति कॉल उठाती है....कबीर कुछ बोलता उससे पहले ही ज्योति केहती है "सोर्री कबीर मै थोड़ा जल्दी मे थी इसलिए निकल गई.. जब तुम फ्री हो मुझे बता देना मै तुमसे मिल लुंगी"
कबीर सीधे सीरियस होते हुए कहता है "10 मिनट मे मुझे ऑफिस मे आकर मिलो" ज्योति कुछ कहने वाली होती है तभी कबीर कहता है "अगर तुम नहीं आई तो मै आ जाऊंगा, और मेरा वहाँ आना शायद तुम्हे पसंद ना आये"

इतना केहकर कबीर कॉल कट कर देता है...ज्योति फोन को घुरती है फिर कुछ सोचती है... और अपनी गन अपने जूते मे छुपा लेती और  कुछ सोच कर कबीर के ऑफिस की तरफ बढ़ जाती है

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"ओबेरॉय  इंडस्ट्रीज"

ज्योति 10 मिनट में ओब्रोइ इंडस्ट्रीज पहुंच जाती है.....कैब से उतर कर ज्योति कबीर के ऑफिस चली  जाती है....ज्योति जैसे ही अंदर आती है ...तो देखती है कबीर बड़े से ग्लास वॉल के सामने खड़ा बाहर की तरफ देख रहा था ....ज्योति आराम से पूछती है "क्या बात है कबीर इतनी क्या इमरजेंसी हो गई जो तुमने मुझे इतनी जल्दी में बुलाया है"

कबीर ज्योति की तरफ मुड़ता है और धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ते हुए कहता है......"तुम जानती हो ना मैं कितना भरोसा करता हूं तुम पर..तुमने जो कहा , जैसा कहा बस तुम्हारी बात मानता चला गया तुमने कहा सवाल मत करना , मैंने कभी कोई सवाल नहीं किया कभी इन्वेस्टिगेट तक नहीं करवाया तुम्हें....लेकिन तुम....मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी"

 कबीर को अपने करीब आते देख ज्योति पीछे हटते हुए कहती है "तुम क्या कहना चाहते हो कबीर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है" कबीर अभी भी बिना रुके ज्योति की तरफ बढ़ता जा रहा था "समझ तो मुझे नहीं आ रहा है आखीर तुमने मुझसे इतना बड़ा झूठ बोला क्यों" ज्योति पीछे हटते हुए अचानक दीवार से टकरा जाती है... 

ज्योति घबराते हुए कहती है "देखो कबीर पहले मेरी बात सुनो..तुम क्या कहना चाह रहे हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है"...कबीर अपने हाथ ज्योति के दोनों तरफ ज़ोर  से मारते हुए थोड़ी तेज़ आवाज़ मे कहता है "तुमने मुझसे झूठ क्यों बोला"....ज्योति कबीर की आंखों में देखते हुए कहती है "कैसा झूठ..किस झूठ की बात कर रहे हो"

"अच्छा तो तुम्हें नहीं पता मैं किस झूठ की बात कर रहा हूं"....कबीर ज्योति के चेहरे के करीब अपना चेहरा ले जाता है और उसके चेहरे से 1 इंच दूर रुक जाता है और उसकी आंखों में देखते हुए कहता है

"तुम्हें नहीं पता मैं किस झूठ की बात कर रहा हूं मिस कैप्टन ज्योति पांडे" 
कबीर का चेहरा इस वक़्त बहुत गुस्से मे था.. 

कबीर की बात सुन ज्योति की आंखें बड़ी  हो जाती है...ज्योति कबीर की आंखों में देखते हुए कहती है "तो तुमने मेरी इन्वेस्टिगेशन करवाई है"...कबीर उसके और करीब जाते हुए कहता है..."बेशक करवाई है...क्यों ..नहीं करवा सकता" 
फिर एक व्यंग भरी मुस्कान के साथ कहता है "तुम करवा सकती हो लेकिन मैं नहीं करवा सकता....यह गलत बात है"
ज्योति खुद को कबीर से दूर करने की कोशिश करते हुए कहती है "कबीर पहले तुम मुझसे दूर रहो प्लीज"

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"दिल्ली एयरपोर्ट"

देवांश दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर निकलता है.... देवांश के साथ रॉकी भी था दोनों जैसे ही बाहर निकलते हैं तभी रॉकी का फोन बजता है रॉकी फोन उठाकर बात करता है...फिर देवांश के पास आकर कहता है ......"बॉस ब्लू मून होटल वाली डील कैंसिल हो गई" देवांश

 कार में बैठते हुए कहता है  "वो तो होनी ही थी.....मुझसे छुप कर जो कर रहे थे"... रॉकी घबराते हुए कहता है..."बात वो नही है बॉस..बात ये है....की जितने भी लोग थे वहाँ सब मारे गए" देवांश शॉक हुए कहता है "व्हाट"

 रॉकी फिर कहता है "हां बॉस इस बार भी यह काम ब्लैक बैंगल्स का है....लेकिन इस बार उसका साथ आर्मी वालों ने दिया है" देवांश गुस्से से सामने की तरफ देखते हुए कहता है "एक लड़की ने मेरी जिंदगी तबाह करके रखी है ....इसको मैं छोडूंगा नहीं"

तभी देवांश का फोन बजता है यह कोई प्राइवेट नंबर था देवांश गुस्से में फोन उठा लेता है और कहता है "कौन है जिसे अपनी जान प्यारी नहीं है"... तभी दूसरी तरफ से एक आवाज आती है "कसम कान्हा की...इसी रिएक्शन की उम्मीद थी मिस्टर देवांश"

 लड़की की आवाज सुन देवांश दांत पिसते हुए कहता है कौन हो तुम... पता भी है फोन लगाया किसके पास है ".. वो लड़की हस्ते हुए केहती है " हाँ बिलकुल.... पता है हमें.. हमने किसके पास फोन लगाया है....मिस्टर देवांश के पास "

देवांश गुस्से मे पूछता है.... "हो कौन तुम"... वो लड़की हस्ते हुए केहती है "तुम्हारी बर्बादी.... हाँ देवांश तुम्हारी बर्बादी" देवांश हस्ते हुए कहता है.... "सच मे तुम्हे ऐसा लगता है की तुम मुझे यानी देवांश को बर्बाद कर सकती हो... अच्छा मज़ाक कर लेती हो"

वो लड़की सीरियस होते हुए केहती है "हाँ देवांश मै बर्बाद करूँगी तुम्हें.... मै यानी ब्लेक बेंगल्स.. भूलना मत" इतना केहकर ब्लेक बेंगल्स कॉल कट कर देती है... 

देवांश गुस्से मे मुट्ठी बांधते हुए कहता है "तुमने मुझसे उलझ कर सही नही किया लड़की" देवांश और रॉकी वहाँ से निकल जाते हैं

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"केरला"

विराज को अपने घर पहुँचते पहुँचते रात के 8 बज गए थे... विराज सोफे पर पीछे सर करके बैठ जाता है...  अब तक जो भी हुआ वो सब याद कर रहा था.... 

कुछ देर सोचने के बाद विराज उठता है और अपने कमरे मे चला जाता है... और फ्रेश होकर सामने दीवार... पर एक बोर्ड लगाता है और उसपर ज्योति की तस्वीर लगा देता है...और उस फोटो को देखते हुए कहता है "सबको तुम्हारा प्रेज़ेनट मालूम है... लेकिन मै तुम्हारा पास्ट् हु और जो पास्ट् मुझे नही मालूम उसे मै पता करके रहूँगा.... 

विराज एक गहरी सांस लेता है और किसी को कॉल करता है... "आज से तीन साल पहले लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से जो बेच आर्ट्स डिपार्टमेंट का पास आउट हुआ था उसमे एक स्टूडेंट थी ज्योति पांडे उसकी इस पुरे तीन साल की इंफोर्मेशन चाहिए मुझे
इतना कहकर विराज कॉल कट कर देता है... 


क्या देवांश ब्लैक बैंगल्स को ढूंढ पाएगा ? क्या करेगा कबीर ज्योति  के साथ? क्या विराज पता लगा पाएगा ज्योति के आर्मी जॉइन करने की पीछे की वजह? 
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स

........... बाय बाय.......

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3 Comments

madhura

11-Aug-2023 07:08 AM

Nice part

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 01:06 PM

Nice part 👌

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Gunjan Kamal

29-Jan-2023 11:33 AM

शानदार

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